April 18, 2025

आईएमएस यूनिसन यूनिवर्सिटी का तीन दिवसीय इंटर-यूनिवर्सिटी टेक्नो-मैनेजमेंट फेस्ट का रंगारंग समापन

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  • सलीम-सुलेमान के संगीत के साथ हुआ ‘लम्हे 2025’ का समापन
  • आईएमएस यूनिसन यूनिवर्सिटी का तीन दिवसीय इंटर-यूनिवर्सिटी टेक्नो-मैनेजमेंट फेस्ट का रंगारंग समापन

देहरादून: आईएमएस यूनिसन यूनिवर्सिटी के वार्षिक इंटर-यूनिवर्सिटी टेक्नो-मैनेजमेंट उत्सव ‘लम्हे-2025’ के तीसरे और अंतिम दिन देश के 30 से अधिक प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों के छात्रों ने अपने प्रदर्शनों से माहौल को खुशनुमा बना दिया। 29 मार्च को आयोजित इस दिन में विभिन्न स्कूलों द्वारा कई प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया, जिनमें मुख्य आकर्षण ‘नृत्य-ओ-लॉजी’ (एकल, युगल और समूह नृत्य) जैसे कार्यक्रम शामिल थे।

स्कूल ऑफ मैनेजमेंट ने ‘एचआर बैटल’, ‘वर्बल वॉली’, ‘ट्रक शंक’ और ‘मार्केटिंग मिस्ट्री’ जैसी प्रतियोगिताएँ आयोजित की। स्कूल ऑफ लॉ ने ‘स्टार वॉर्स ऑफ लॉ’ और ‘एक्सटेंपोर’ प्रतियोगिताओं का आयोजन किया, जबकि स्कूल ऑफ हॉस्पिटैलिटी मैनेजमेंट ने ‘तौलिया ओरिगेमी’ और ‘टूरिज्म क्विज’ जैसे मनोरंजक कार्यक्रम पेश किए। स्कूल ऑफ लिबरल आर्ट्स ने ‘टू मिनट मिस्ट्रीज’ और ‘एंटरटेनमेंट क्विज’ के माध्यम से छात्रों का उत्साह बनाए रखा, जबकि स्कूल ऑफ मीडिया एंड कम्युनिकेशन डिज़ाइन ने ‘एड मैड शो’ में छात्रों की रचनात्मकता को प्रदर्शित किया, जहाँ उन्होंने स्पॉट पर विज्ञापनों की अवधारणा प्रस्तुत की।

‘फोटो मोंटाज’ जैसे सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने इस इंटर-कॉलेजिएट टेक्नो-मैनेजमेंट शो को और भी रोचक बना दिया।

ग्राफिक एरा, यूपीईएस, डीआईटी यूनिवर्सिटी, दून बिजनेस स्कूल, जिज्ञासा यूनिवर्सिटी, दून यूनिवर्सिटी, उत्तरांचल यूनिवर्सिटी सहित कई प्रमुख संस्थानों के छात्रों ने इस उत्सव में भाग लेकर अपनी सांस्कृतिक विविधता का प्रदर्शन किया।

इस सांस्कृतिक उत्सव के समापन पर प्रसिद्ध संगीतकार जोड़ी सलीम-सुलेमान ने अपने प्रदर्शन से सभी को थिरकने पर मजबूर कर दिया। छात्रों ने उनके संगीत की लय पर झूमते हुए इस तीन दिवसीय उत्सव का आनंद लिया, जिसमें मनोरंजक कार्यक्रमों के साथ-साथ सेलिब्रिटी परफॉरमेंस ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।

विभिन्न विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के छात्रों की भारी भीड़ के साथ, ‘लम्हे 2025’ ने आईएमएस यूनिसन यूनिवर्सिटी के सभी प्रतिभागियों के लिए अविस्मरणीय यादें बनाईं। शाम में समारोह के साथ तीन दिवसीय कल्चरल फेस्ट का आधिकारिक समापन हुआ।

बड़कोट-सिल्कयारा बेंड टनल परियोजना की सफलता: उत्तराखंड के लिए ऐतिहासिक क्षण देहरादून: एक ऐतिहासिक उपलब्धि के रूप में, एनएच-134 पर एक प्रमुख बुनियादी ढांचे की उपलब्धि, बड़कोट -सिलक्यारा बेंड टनल परियोजना की सफलता की आधिकारिक तौर पर घोषणा की गई। इस अवसर पर उत्तराखंड के माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के माननीय राज्य मंत्री श्री अजय टम्टा, टनल निर्माण कार्य के सफल समापन को देखने के लिए उपस्थित थे। प्रमुख इंजीनियरिंग और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर कंसल्टिंग कंपनी रोडिक कंसल्टेंट्स ने इस परियोजना में निर्माण पर्यवेक्षण सलाहकार (Construction Supervision Consultant) की भूमिका निभाई। कंपनी ने टनल निर्माण के सभी चरणों को समय पर और उच्च गुणवत्ता के साथ पूरा कराने में अहम योगदान दिया। अपनी जिम्मेदारियों के तहत, रोडिक ने निर्माण कार्यों की निगरानी की और डिजाइन फाइनल करने, सुरक्षा उपायों और इंजीनियरिंग मानकों जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर एनएचआईडीसीएल और ठेकेदार को सलाह दी। रोडिक कंसल्टेंट्स ने सीमेंट, कंक्रीट और एग्रीगेट्स के लिए ऑन-साइट परीक्षणों की देखरेख की और स्प्रेड कंक्रीट और रॉक बोल्ट्स के फील्ड टेस्ट किए, जिससे सख्त गुणवत्ता नियंत्रण सुनिश्चित किया गया। संगठन ने जनशक्ति और मशीनरी के उपयोग को बेहतर बनाने में भी अहम भूमिका निभाई, ताकि कार्यस्थल पर सुरक्षा और दक्षता बनी रहे। डिजिटल नवाचार को अपनाते हुए, रोडिक ने एक डिजिटल रिक्वेस्ट फॉर इंस्पेक्शन (RFI) सिस्टम और प्रोजेक्ट डेटा प्रबंधन का डिजिटलीकरण किया, जिससे साइट पर पारदर्शिता, दक्षता और गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हुआ। नई उपलब्धि पर बोलते हुए रोडिक कंसल्टेंट्स के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर श्री राज कुमार ने कहा, “हमें बड़कोट -सिल्कयारा बेंड टनल परियोजना की सफलता में अपनी अहम भूमिका पर गर्व है। निर्माण पर्यवेक्षण सलाहकार के रूप में, रोडिक ने पूरे निर्माण कार्य में इंजीनियरिंग गुणवत्ता, सुरक्षा और उत्कृष्टता के सर्वोच्च मानकों को सुनिश्चित किया। हमारी टीम ने परियोजना डेटा के डिजिटलीकरण और डिजिटल आरएफआई सिस्टम जैसे नवाचारों के ज़रिए काम की पारदर्शिता और कार्यक्षमता को बेहतर बनाया। हम मानते हैं कि यह केवल एक निर्माण उपलब्धि नहीं, बल्कि हर मौसम में बेहतर कनेक्टिविटी, क्षेत्रीय विकास और स्थानीय समुदायों के लिए एक मजबूत भविष्य की दिशा में एक बड़ा कदम है। हम भारत सरकार, एनएचआईडीसीएल और अपने सभी प्रोजेक्ट सहयोगियों का उनके निरंतर सहयोग और विश्वास के लिए आभार व्यक्त करते हैं।” इस दिन नवनिर्मित बाबा बौखनाग मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा भी की गई। 4.531 किलोमीटर लंबी यह दो लेन की एकतरफा टनल एनएच-134 (पुराना एनएच-94) पर धरासू और यमुनोत्री के बीच हर मौसम में कनेक्टिविटी देने के लिए बनाई गई है। यह टनल यात्रा का समय एक घंटे से घटाकर सिर्फ़ पाँच मिनट कर देती है, जिससे इस क्षेत्र में व्यापार, पर्यटन और सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा और साथ ही पर्यावरण के लिहाज से संवेदनशील जंगलों की भी सुरक्षा होगी। इस अवसर पर बोलते हुए, श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि बड़कोट-सिल्कयारा बेंड टनल की सफलता उत्तराखंड के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। उन्होंने यह भी बताया कि पिछले दस वर्षों में पूरे देश में निरंतर विकास हुआ है और उत्तराखंड उस यात्रा में गर्व से योगदान दे रहा है। माननीय मुख्यमंत्री ने विकास और समृद्धि के नए आयाम स्थापित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व, मार्गदर्शन और सहयोग के लिए उनका आभार भी व्यक्त किया। सभा को संबोधित करते हुए, श्री अजय टम्टा ने टनल के निर्माण की सफलता के लिए सभी को बधाई दी। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि माननीय प्रधानमंत्री और माननीय मुख्यमंत्री के कुशल नेतृत्व में, इस परियोजना ने बहुत तेज़ी से प्रगति की है और उत्तराखंड के विकास की गति को पहले से कहीं ज़्यादा तेज़ कर दिया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड उल्लेखनीय प्रगति देख रहा है, और चार धाम मार्ग पर सिंगल-लेन सड़कों का दो-लेन राजमार्गों में रूपांतरण एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। टनल के निर्माण के बाद, परियोजना अब अंतिम चरण में प्रवेश कर रही है, जिसमें सड़क निर्माण और विद्युत तथा यांत्रिक प्रणालियों की स्थापना शामिल है। बड़कोट-सिल्कयारा बेंड टनल आधुनिक इंजीनियरिंग उत्कृष्टता और विभिन्न एजेंसियों के सहयोग का उदाहरण है।

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