April 18, 2025

उत्तरांचल प्रेस क्लब अंतर क्रिकेट टूर्नामेंट का सीएम धामी ने किया उद्घाटन, खेल गतिविधियों के लिए पांच लाख की घोषणा की

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देहरादून। उत्तरांचल प्रेस क्लब अंतर क्रिकेट टूर्नामेंट का उद्घाटन मुख्य अतिथि प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया। यह टूर्नामेंट महाराणा प्रताप स्पोटर्स कॉलेज में खेली जा रही है। सात दिनों तक चलने वाले इस टूनामेंट में प्रेस क्लब के 91 खिलाड़ी प्रतिभाग कर रहे है। आज का पहला मैच दून चैंपियन बनाम दून डेयर डेविल्स व दूसरा मैच दून सूपर किंग बनाम दून किंग राइडर के बीच खेला गया।

पहला मैच में दून चैंपियन ने दून डेयर डेविल्स को कड़े मुकाबले में एक विकेट से पराजित किया। दूसरे मैच में दून सूपर किंग ने दून किंग राइडर को सात विकेट से हराया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को उत्तरांचल प्रेस क्लब द्वारा आयोजित इंटर क्रिकेट टूर्नामेंट में क्रिकेट खेलकर शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने उत्तरांचल प्रेस क्लब में खेल सामग्री के लिए रुपए पांच लाख की घोषणा भी की। यह टूर्नामेंट महाराणा स्पोर्ट्स कॉलेज में सात दिन (एक अप्रैल से सात अप्रैल) तक चलेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अमूमन पत्रकार साथी खेलों की रिर्पाेटिंग कर खबर बनाते है। इस तरह के आयोजन से उन्हें खेल मैदान में जहां अपनी प्रतिभा को दिखाने का अवसर मिलेगा, वहीं खेलों से उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को भी बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने पीएम मोदी जी के फिट इंडिया मूवमेंट की सराहना करते हुए आमजन को अपनी दिनचर्या में खेल गतिविधि को शामिल करने की भी बात कही। कहा कि आज भागदौड़ के जीवन में जरूरी है कि व्यक्ति खेलों से जुड़कर मानसिक तनाव से दूर रहे और स्वस्थ रहे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार खिलाड़ियों के हित में निरंतर प्रयासरत है। खिलाड़ियों को अधिकतम खेल सुविधाओं को देने की कोशिश जारी है। इससे आने वाले दिनों में राज्य के खिलाड़ी नेशनल गेम्स की तरह अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक लाकर राज्य का नाम रोशन करेंगे। गौरतलब है कि राष्ट्रीय गेम्स में राज्य के नाम 103 पदक रहे, यह सरकार की सफल खेल नीतियों का ही परिणाम है।

उत्तरांचल प्रेस क्लब अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह कण्डारी ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन प्रेस क्लब महामंत्री सुरेन्द्र सिंह डसीला ने किया।

इस अवसर पर विधायक उमेश शर्मा ‘काऊ’, खेल सचिव अमित सिन्हा, खेल एवं युवा कल्याण निदेशक प्रशांत आर्या, महानिदेशक सूचना एवं लोक संपर्क विभाग बंशीधर तिवारी, पैनेसिया अस्पताल के चैयरमेन रणवीर सिंह चौहान, सीआईएमएस कॉलेज के चैयरमेन ललित जोशी, महाराणा प्रताप स्पोटर्स कॉलेज के प्रधनाचार्य राकेश मंमगाईं के साथ ही प्रेस क्लब कार्यकारिणी के खेल संयोजक अभय सिंह कैन्तुरा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष अभिषेक मिश्रा, कनिष्ठ उपाध्यक्ष सुलोचना पयाल, संयुक्त मंत्री रश्मि खत्री, संप्रेक्षक शिवेश शर्मा, कार्यकारिणी सदस्य शूरवीर सिंह भंडारी, मो. असद, संदीप बड़ोला, मनवर सिंह रावत, दीपक बड़थ्वाल, किशोर रावत, रमन जायसवाल, अजय राणा आदि उपस्थित थे।

बड़कोट-सिल्कयारा बेंड टनल परियोजना की सफलता: उत्तराखंड के लिए ऐतिहासिक क्षण देहरादून: एक ऐतिहासिक उपलब्धि के रूप में, एनएच-134 पर एक प्रमुख बुनियादी ढांचे की उपलब्धि, बड़कोट -सिलक्यारा बेंड टनल परियोजना की सफलता की आधिकारिक तौर पर घोषणा की गई। इस अवसर पर उत्तराखंड के माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के माननीय राज्य मंत्री श्री अजय टम्टा, टनल निर्माण कार्य के सफल समापन को देखने के लिए उपस्थित थे। प्रमुख इंजीनियरिंग और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर कंसल्टिंग कंपनी रोडिक कंसल्टेंट्स ने इस परियोजना में निर्माण पर्यवेक्षण सलाहकार (Construction Supervision Consultant) की भूमिका निभाई। कंपनी ने टनल निर्माण के सभी चरणों को समय पर और उच्च गुणवत्ता के साथ पूरा कराने में अहम योगदान दिया। अपनी जिम्मेदारियों के तहत, रोडिक ने निर्माण कार्यों की निगरानी की और डिजाइन फाइनल करने, सुरक्षा उपायों और इंजीनियरिंग मानकों जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर एनएचआईडीसीएल और ठेकेदार को सलाह दी। रोडिक कंसल्टेंट्स ने सीमेंट, कंक्रीट और एग्रीगेट्स के लिए ऑन-साइट परीक्षणों की देखरेख की और स्प्रेड कंक्रीट और रॉक बोल्ट्स के फील्ड टेस्ट किए, जिससे सख्त गुणवत्ता नियंत्रण सुनिश्चित किया गया। संगठन ने जनशक्ति और मशीनरी के उपयोग को बेहतर बनाने में भी अहम भूमिका निभाई, ताकि कार्यस्थल पर सुरक्षा और दक्षता बनी रहे। डिजिटल नवाचार को अपनाते हुए, रोडिक ने एक डिजिटल रिक्वेस्ट फॉर इंस्पेक्शन (RFI) सिस्टम और प्रोजेक्ट डेटा प्रबंधन का डिजिटलीकरण किया, जिससे साइट पर पारदर्शिता, दक्षता और गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हुआ। नई उपलब्धि पर बोलते हुए रोडिक कंसल्टेंट्स के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर श्री राज कुमार ने कहा, “हमें बड़कोट -सिल्कयारा बेंड टनल परियोजना की सफलता में अपनी अहम भूमिका पर गर्व है। निर्माण पर्यवेक्षण सलाहकार के रूप में, रोडिक ने पूरे निर्माण कार्य में इंजीनियरिंग गुणवत्ता, सुरक्षा और उत्कृष्टता के सर्वोच्च मानकों को सुनिश्चित किया। हमारी टीम ने परियोजना डेटा के डिजिटलीकरण और डिजिटल आरएफआई सिस्टम जैसे नवाचारों के ज़रिए काम की पारदर्शिता और कार्यक्षमता को बेहतर बनाया। हम मानते हैं कि यह केवल एक निर्माण उपलब्धि नहीं, बल्कि हर मौसम में बेहतर कनेक्टिविटी, क्षेत्रीय विकास और स्थानीय समुदायों के लिए एक मजबूत भविष्य की दिशा में एक बड़ा कदम है। हम भारत सरकार, एनएचआईडीसीएल और अपने सभी प्रोजेक्ट सहयोगियों का उनके निरंतर सहयोग और विश्वास के लिए आभार व्यक्त करते हैं।” इस दिन नवनिर्मित बाबा बौखनाग मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा भी की गई। 4.531 किलोमीटर लंबी यह दो लेन की एकतरफा टनल एनएच-134 (पुराना एनएच-94) पर धरासू और यमुनोत्री के बीच हर मौसम में कनेक्टिविटी देने के लिए बनाई गई है। यह टनल यात्रा का समय एक घंटे से घटाकर सिर्फ़ पाँच मिनट कर देती है, जिससे इस क्षेत्र में व्यापार, पर्यटन और सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा और साथ ही पर्यावरण के लिहाज से संवेदनशील जंगलों की भी सुरक्षा होगी। इस अवसर पर बोलते हुए, श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि बड़कोट-सिल्कयारा बेंड टनल की सफलता उत्तराखंड के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। उन्होंने यह भी बताया कि पिछले दस वर्षों में पूरे देश में निरंतर विकास हुआ है और उत्तराखंड उस यात्रा में गर्व से योगदान दे रहा है। माननीय मुख्यमंत्री ने विकास और समृद्धि के नए आयाम स्थापित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व, मार्गदर्शन और सहयोग के लिए उनका आभार भी व्यक्त किया। सभा को संबोधित करते हुए, श्री अजय टम्टा ने टनल के निर्माण की सफलता के लिए सभी को बधाई दी। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि माननीय प्रधानमंत्री और माननीय मुख्यमंत्री के कुशल नेतृत्व में, इस परियोजना ने बहुत तेज़ी से प्रगति की है और उत्तराखंड के विकास की गति को पहले से कहीं ज़्यादा तेज़ कर दिया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड उल्लेखनीय प्रगति देख रहा है, और चार धाम मार्ग पर सिंगल-लेन सड़कों का दो-लेन राजमार्गों में रूपांतरण एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। टनल के निर्माण के बाद, परियोजना अब अंतिम चरण में प्रवेश कर रही है, जिसमें सड़क निर्माण और विद्युत तथा यांत्रिक प्रणालियों की स्थापना शामिल है। बड़कोट-सिल्कयारा बेंड टनल आधुनिक इंजीनियरिंग उत्कृष्टता और विभिन्न एजेंसियों के सहयोग का उदाहरण है।

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