April 18, 2025

उत्तराखंड में शीघ्र बनेगा “एग्री मॉल” कृषि मंत्री ने अधिकारियों को दिए कार्ययोजना बनाने के निर्देश।

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रूफ टॉप गार्डनिंग योजना का देहरादून में जनवरी के दूसरे सप्ताह में होगा शुभारंभ।

शहरवासियों को रूफ टॉप गार्डनिंग के लिए मिलेगा 25 हजार तक का अनुदान।

शहरवासी 300 वर्गफीट क्षेत्रफल में छत पर बागवानी कर योजना उठा सकते है लाभ।

किराएदार भी छत पर बागवानी कर रूफ टॉप गार्डनिंग योजना का ले सकते लाभ।

यूपी के तर्ज पर उत्तराखंड में शीघ्र बनेगा “एग्री माल” मंत्री ने अधिकारियों को दिए कार्ययोजना बनाने के निर्देश।

एशियाई विकास बैंक जैसी संस्थाओं से समन्वय बनाकर बाह्य वित्त पोषण प्राप्त करने के लिए विस्तृत परियोजना बनाने के निर्देश।

मंत्री जोशी ने अधिकारियों को मिलेट्स मिशन के प्रचार प्रसार करने के भी दिए निर्देश।

पहाड़ी उत्पाद जैसे मुंडवा, रामदाना, झंगोरा के प्रदेश में खोले जाएंगे कलेक्शन सेंटर ।

 

देहरादून, 29 दिसंबर। आज न्यू कैंट रोड स्थित कैंप कार्यालय में कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कृषि एवं उद्यान विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। बैठक में मंत्री जोशी ने अधिकारियों को शीतकाल में बागवानी करने वालो के किसानों को सेब की पौध उच्च गुणवत्तायुक्त पौध अच्छी पैदावार वाली प्रजाति के पौध उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। बैठक में मंत्री जोशी ने मिलेट मिशन के अंतर्गत प्रदेशभर में पहाड़ी उत्पाद जैसे मुंडवा, रामदाना, झंगोरा के कलेक्शन सेंटर खोलने के निर्देश दिए, ताकि किसानों को पैदावार का उन्हें उचित लाभ मिल सके।

मंत्री जोशी ने अधिकारियों को यूपी के तर्ज पर उत्तराखंड में एग्री मॉल बनाने के भी निर्देश दिए। मंत्री जोशी ने अधिकारियों को देहरादून में जमीन तलाशने ओर एग्री मॉल की कार्ययोजना बनाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा देहरादून में एग्री मॉल बनने से पर्यटकों में इजाफा होने के साथ – साथ उत्तराखंड के ऑर्गेनिक उत्पादों को भी बढ़ावा मिलेगा। इस एग्री मॉल में पहाड़ी उत्पाद मंडवा, झंगोरा, रामदाना, विभिन्न प्रकार सब्जियों फल इत्यादि उपलब्ध होगी। मंत्री ने कहा निश्चित ही इस एग्री मॉल बनने से हमारे पहाड़ी उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा।

बैठक में मंत्री ने अधिकारियों को रूफ टॉप गार्डनिंग योजना के क्रियान्वयन और सभी तैयारियां पूर्ण करने ओर इसके प्रचार प्रसार करने के भी निर्देश दिए। रूफ टॉप गार्डनिंग योजना की शुरूवात 15 जनवरी को की जायेगी। योजना के अंतर्गत देहरादून को पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर लिया गया है। जनपद देहरादून के शहरी क्षेत्रों में छत पर बागवानी (Roof top Gardening) को बढ़ावा दिये जाने हेतु योजना की शुरूवात की जा रही है। इसमें यदि कोई व्यक्ति किराये के घर पर निवास कर रहा हो एवं छत पर बागवानी करना चाहता हो, तो वे भी इस योजना का लाभ ले सकेंगे बशर्ते इसके सम्बन्ध में वह अपने मकान मालिक से अनापत्ति / सहमति प्राप्त कर एनओसी स्व-प्रमाणन(Noc Self-Certification ) उपलब्ध करायेंगे।

योजना के तहत समस्त पंजीकृत आवेदकों को एक दिवसीय रूफ टॉप गार्डनिंग प्रशिक्षण प्राप्त करना अनिवार्य होगा एवं सफल प्रशिक्षार्थी ही योजनान्तर्गत वित्तीय राजसहायता का लाभ मिलेगा। योजनान्तर्गत राजसहायता का भुगतान डी.बी.टी. के माध्यम से किया जायेगा। योजना का लाभ प्राप्त करने हेतु आवेदकों को विभागीय वेबसाईट dohfp.uk.gov.in के. डेशबोर्ड पर जाकर Roof Top Gardening Link पर ऑनलाईन आवेदन करना होगा और आधार कार्ड, नगर पालिका में निवास का कोई प्रमाण पत्र ओर बिजली, पानी का बिल बैंक पासबुक की छायाप्रति, आवेदक पर घर की खाली छत की फोटो अपलोड करना होगा।

योजना के तहत शहर में निवास करने वाले प्रति परिवार एक ही व्यक्ति लाभान्वित किया जायेगा । जिनके पास न्यूनतम 300 वर्गफीट क्षेत्रफल में छत उपलब्ध हो वह व्यक्ति ही इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकेंगे। तथा 300 वर्गफीट क्षेत्रफल के अन्तर्गत कुल लागत रू0 50 हजार का 50% अधिकतम 25 हजार रु. राजसहायता प्रदान की जायेगी। योजना के अंतर्गत प्रशिक्षण प्राप्त करने के लाभार्थी को 5 हजार रु. डीबीटी माध्यम से प्रदान की जायेंगी। मंत्री जोशी ने जाएका परियोजना की तर्ज पर अन्य जनपदों में भी किसानों की आय दोगुनी करने के उद्देश्य से औद्योनिकी के विकास के लिए एशियाई विकास बैंक जैसी संस्थाओं से समन्वय बनाकर बाह्य वित्त पोषण प्राप्त करने के लिए विस्तृत परियोजना बनाने के निर्देश दिए।

 

इस अवसर पर अपर सचिव कृषि रणवीर सिंह चौहान उद्यान निदेशक एचएस बवेजा कृषि निदेशक गौरीशंकर सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

बड़कोट-सिल्कयारा बेंड टनल परियोजना की सफलता: उत्तराखंड के लिए ऐतिहासिक क्षण देहरादून: एक ऐतिहासिक उपलब्धि के रूप में, एनएच-134 पर एक प्रमुख बुनियादी ढांचे की उपलब्धि, बड़कोट -सिलक्यारा बेंड टनल परियोजना की सफलता की आधिकारिक तौर पर घोषणा की गई। इस अवसर पर उत्तराखंड के माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के माननीय राज्य मंत्री श्री अजय टम्टा, टनल निर्माण कार्य के सफल समापन को देखने के लिए उपस्थित थे। प्रमुख इंजीनियरिंग और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर कंसल्टिंग कंपनी रोडिक कंसल्टेंट्स ने इस परियोजना में निर्माण पर्यवेक्षण सलाहकार (Construction Supervision Consultant) की भूमिका निभाई। कंपनी ने टनल निर्माण के सभी चरणों को समय पर और उच्च गुणवत्ता के साथ पूरा कराने में अहम योगदान दिया। अपनी जिम्मेदारियों के तहत, रोडिक ने निर्माण कार्यों की निगरानी की और डिजाइन फाइनल करने, सुरक्षा उपायों और इंजीनियरिंग मानकों जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर एनएचआईडीसीएल और ठेकेदार को सलाह दी। रोडिक कंसल्टेंट्स ने सीमेंट, कंक्रीट और एग्रीगेट्स के लिए ऑन-साइट परीक्षणों की देखरेख की और स्प्रेड कंक्रीट और रॉक बोल्ट्स के फील्ड टेस्ट किए, जिससे सख्त गुणवत्ता नियंत्रण सुनिश्चित किया गया। संगठन ने जनशक्ति और मशीनरी के उपयोग को बेहतर बनाने में भी अहम भूमिका निभाई, ताकि कार्यस्थल पर सुरक्षा और दक्षता बनी रहे। डिजिटल नवाचार को अपनाते हुए, रोडिक ने एक डिजिटल रिक्वेस्ट फॉर इंस्पेक्शन (RFI) सिस्टम और प्रोजेक्ट डेटा प्रबंधन का डिजिटलीकरण किया, जिससे साइट पर पारदर्शिता, दक्षता और गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हुआ। नई उपलब्धि पर बोलते हुए रोडिक कंसल्टेंट्स के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर श्री राज कुमार ने कहा, “हमें बड़कोट -सिल्कयारा बेंड टनल परियोजना की सफलता में अपनी अहम भूमिका पर गर्व है। निर्माण पर्यवेक्षण सलाहकार के रूप में, रोडिक ने पूरे निर्माण कार्य में इंजीनियरिंग गुणवत्ता, सुरक्षा और उत्कृष्टता के सर्वोच्च मानकों को सुनिश्चित किया। हमारी टीम ने परियोजना डेटा के डिजिटलीकरण और डिजिटल आरएफआई सिस्टम जैसे नवाचारों के ज़रिए काम की पारदर्शिता और कार्यक्षमता को बेहतर बनाया। हम मानते हैं कि यह केवल एक निर्माण उपलब्धि नहीं, बल्कि हर मौसम में बेहतर कनेक्टिविटी, क्षेत्रीय विकास और स्थानीय समुदायों के लिए एक मजबूत भविष्य की दिशा में एक बड़ा कदम है। हम भारत सरकार, एनएचआईडीसीएल और अपने सभी प्रोजेक्ट सहयोगियों का उनके निरंतर सहयोग और विश्वास के लिए आभार व्यक्त करते हैं।” इस दिन नवनिर्मित बाबा बौखनाग मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा भी की गई। 4.531 किलोमीटर लंबी यह दो लेन की एकतरफा टनल एनएच-134 (पुराना एनएच-94) पर धरासू और यमुनोत्री के बीच हर मौसम में कनेक्टिविटी देने के लिए बनाई गई है। यह टनल यात्रा का समय एक घंटे से घटाकर सिर्फ़ पाँच मिनट कर देती है, जिससे इस क्षेत्र में व्यापार, पर्यटन और सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा और साथ ही पर्यावरण के लिहाज से संवेदनशील जंगलों की भी सुरक्षा होगी। इस अवसर पर बोलते हुए, श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि बड़कोट-सिल्कयारा बेंड टनल की सफलता उत्तराखंड के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। उन्होंने यह भी बताया कि पिछले दस वर्षों में पूरे देश में निरंतर विकास हुआ है और उत्तराखंड उस यात्रा में गर्व से योगदान दे रहा है। माननीय मुख्यमंत्री ने विकास और समृद्धि के नए आयाम स्थापित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व, मार्गदर्शन और सहयोग के लिए उनका आभार भी व्यक्त किया। सभा को संबोधित करते हुए, श्री अजय टम्टा ने टनल के निर्माण की सफलता के लिए सभी को बधाई दी। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि माननीय प्रधानमंत्री और माननीय मुख्यमंत्री के कुशल नेतृत्व में, इस परियोजना ने बहुत तेज़ी से प्रगति की है और उत्तराखंड के विकास की गति को पहले से कहीं ज़्यादा तेज़ कर दिया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड उल्लेखनीय प्रगति देख रहा है, और चार धाम मार्ग पर सिंगल-लेन सड़कों का दो-लेन राजमार्गों में रूपांतरण एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। टनल के निर्माण के बाद, परियोजना अब अंतिम चरण में प्रवेश कर रही है, जिसमें सड़क निर्माण और विद्युत तथा यांत्रिक प्रणालियों की स्थापना शामिल है। बड़कोट-सिल्कयारा बेंड टनल आधुनिक इंजीनियरिंग उत्कृष्टता और विभिन्न एजेंसियों के सहयोग का उदाहरण है।

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