April 18, 2025

छात्रों को सीएम धामी ने दिया प्रेरणादायक संदेश – समय का सदुपयोग करें, बीता समय वापस नहीं आता

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हरिद्वार। मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज, हरिद्वार में आयोजित प्रतिभा सम्मान समारोह-2025 कार्यक्रम में प्रतिभाग कर नवनिर्मित भवन व स्मार्ट रूम का लोकापर्ण किया। उन्होंने प्रतिभावान विद्यार्थियों एवं शिक्षकों को सम्मानित कर उनके कार्यों की सराहना की।

मुख्यमंत्री ने नए भवन व स्मार्ट रूम के लोकापर्ण पर सभी छात्र छात्राओं को बधाई देते हुए कहा कि स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात देश जब अपने पैरो पर खड़ा हो रहा था, उस समय राष्ट्र निर्माण की भावना को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के आनुषंगिक संगठन के रूप में विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान ने सरस्वती शिशु मंदिर के रूप में जो पौधा रोपित किया था, आज विशाल वट वृक्ष बनकर खड़ा हो गया है और देश के कोने-कोने में हमारे नौनिहालों को शिक्षित कर देश को आगे बढ़ाने का कार्य कर रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा विद्या भारती द्वारा देश में 12 हजार से अधिक विद्यालय संचालित किए जा रहे हैं। जिनमें लगभग 35 लाख से अधिक विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में भी विद्या भारती द्वारा 50 से भी अधिक महाविद्यालय एवं एक विश्वविद्यालय का संचालन किया जा रहा है। जिसके माध्यम से विद्यार्थियों को आधुनिक शिक्षा देने के साथ ही उनमें राष्ट्रसेवा, नैतिकता, संस्कृति संरक्षण, प्राकृतिक संरक्षण और समाज के प्रति जिम्मेदारी की भावना को विकसित किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में वर्तमान में विद्या भारती का एक बड़ा नेटवर्क है। माणा से लेकर सीमांत क्षेत्र धारचूला तक भी शिशु मंदिर और विद्या मंदिर मौजूद हैं। वर्तमान में विद्या भारती द्वारा 500 से अधिक विद्यालय प्रदेश के अंदर संचालित किए जा रहे हैं, जिनमें एक लाख से अधिक विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज इस विद्यालय मे 04 स्मार्ट क्लासेज का लोकापर्ण होना इस बात का प्रत्यक्ष प्रमाण है कि विद्या भारती के स्कूल किसी भी आधुनिक स्कूल से पीछे नहीं हैं, उनमें भी सभी प्रकार की सुविधाए दी जा रही हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राज्य सरकार प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में निरतंर सुधार कर रही है। शिक्षा के महत्व को ध्यान में रखते हुए सरकार ने प्रदेश में सर्वप्रथम नई शिक्षा नीति लागू की। राज्य में पीएमश्री योजना के अंतर्गत 141 पीएमश्री विद्यालय बनाये गये हैं। नेताजी सुभाष चन्द्र बोस आवासीय विद्यालय का निर्माण भी किया जा रहा है। प्रदेश के 13 जनपदों के 500 विद्यालयों में वर्चुल्स क्लासरूम की व्यवस्था भी की गई है। क्वालिटी एजुकेशन सुनिश्चित करने के लिए सभी विद्यालयों में एनसीईआरटी की पाठ्य पुस्तकों को अनिवार्य किया गया है। विद्यार्थियों को, विज्ञान को बेहतर तरीके से समझाने के लिए राज्य में लैब ऑन व्हील्स अर्थात मोबाइल साइंस लैब की शुरुआत भी की है। राज्य में कक्षा 1 से 12 तक के विद्यार्थियों को निशुल्क पाठ्य पुस्तक और कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को पाठ्य पुस्तकों के साथ ही जूता और बैग भी उपलब्ध कराया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में 20 मॉडल कॉलेज एवं 09 महाविद्यालय की स्थापना करने के साथ ही महिला छात्रावास एवं आईटी लैब सहित परीक्षा भवनों का निर्माण भी किया जा रहा है। स्कूलों के लिए अध्यापकों एवं महाविद्यालयों के लिए असिस्टेंट प्रोफेसर आदि की नियुक्ति भी हो रही है। राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में करोड़ों रुपए की लागत से स्टेडियम में खेल सुविधाओं का निर्माण करवाया गया है एवं 8 वर्ष की उम्र से ही प्रतिभावान खिलाड़ियों को छात्रवृति दी जा रही है।प्रदेश के आवासीय स्पोर्ट्स कॉलेज के खिलाड़ियों को निशुल्क प्रशिक्षण शिक्षा आवास भोजन व किट आदि भी प्रदान की जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने राष्ट्रीय स्तर की किसी भी प्रतियोगिता में मेडल लाने वाले खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी देने की ऐतिहासिक शुरुआत भी की है। इन सभी प्रयासों का परिणाम है कि हाल ही आयोजित हुए 38वें राष्ट्रीय खेलों के सफल आयोजन में प्रदेश के खिलाड़ियों ने 100 से अधिक मेडल लाकर इतिहास रचा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मेहनती और प्रतिभावान बच्चों के सपनों पर कोई नकल माफिया हावी नहीं हो सकेगा। राज्य सरकार ने उत्तराखंड में देश का सबसे बड़ा नकल विरोधी कानून लागू किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा पहले के समय में आयोजित होनी वाली परीक्षाओं में धांधली और पेपर लीक होते थे। जिससे प्रदेश के युवाओं का मनोबल टूट रहा था। लेकिन जब से नकल विरोधी कानून प्रदेश में लागू किया है तब से एक भी पेपर लीक नहीं हुआ है। जिसका परिणाम यह है कि 3 वर्षों में लगभग 22 हजार से अधिक अभ्यर्थियों ने सरकारी नौकरी पाने में सफलता प्राप्त की है।मुख्यमंत्री ने सभी विद्यार्थियों का आह्वान करते हुए कहा कि सभी मन लगाकर पढ़ाई करें और आगे बढ़े। उन्होंने कहा यह विद्यालय इसी प्रकार भविष्य में भी आने वाली पीढ़ियों को शिक्षा प्रदान करेगा एवं विद्यार्थियों में सामाजिक और नैतिक मूल्यों का विकास करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहेगा।

इस अवसर पर प्रांत प्रचारक आर.एस.एस उत्तराखंड डॉ शैलेन्द्र, विधायक आदेश चौहान, प्रधानाचार्य लोकेंद्र अथवाल, प्रबंधक अजय शर्मा आदि ने भी संबोधन में अपने विचार रखे।

इस दौरान शिवशंकर जायसवाल, शेर सिंह रावत,  रोहित भाटिया, महापौर  किरण जैसल, विधायक प्रदीप बत्रा, दर्जा राज्यमंत्री देशराराज कर्णवाल ,भाजपा जिलाध्यक्ष आशुतोष शर्मा, पूर्व विधायक संजय गुप्ता, पूर्व जिलाध्यक्ष संदीप गोयल, जिला उपाध्यक्ष लव शर्मा, जिलाधिकारी कर्मेंन्द्र सिंह, एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोभाल, एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

बड़कोट-सिल्कयारा बेंड टनल परियोजना की सफलता: उत्तराखंड के लिए ऐतिहासिक क्षण देहरादून: एक ऐतिहासिक उपलब्धि के रूप में, एनएच-134 पर एक प्रमुख बुनियादी ढांचे की उपलब्धि, बड़कोट -सिलक्यारा बेंड टनल परियोजना की सफलता की आधिकारिक तौर पर घोषणा की गई। इस अवसर पर उत्तराखंड के माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के माननीय राज्य मंत्री श्री अजय टम्टा, टनल निर्माण कार्य के सफल समापन को देखने के लिए उपस्थित थे। प्रमुख इंजीनियरिंग और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर कंसल्टिंग कंपनी रोडिक कंसल्टेंट्स ने इस परियोजना में निर्माण पर्यवेक्षण सलाहकार (Construction Supervision Consultant) की भूमिका निभाई। कंपनी ने टनल निर्माण के सभी चरणों को समय पर और उच्च गुणवत्ता के साथ पूरा कराने में अहम योगदान दिया। अपनी जिम्मेदारियों के तहत, रोडिक ने निर्माण कार्यों की निगरानी की और डिजाइन फाइनल करने, सुरक्षा उपायों और इंजीनियरिंग मानकों जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर एनएचआईडीसीएल और ठेकेदार को सलाह दी। रोडिक कंसल्टेंट्स ने सीमेंट, कंक्रीट और एग्रीगेट्स के लिए ऑन-साइट परीक्षणों की देखरेख की और स्प्रेड कंक्रीट और रॉक बोल्ट्स के फील्ड टेस्ट किए, जिससे सख्त गुणवत्ता नियंत्रण सुनिश्चित किया गया। संगठन ने जनशक्ति और मशीनरी के उपयोग को बेहतर बनाने में भी अहम भूमिका निभाई, ताकि कार्यस्थल पर सुरक्षा और दक्षता बनी रहे। डिजिटल नवाचार को अपनाते हुए, रोडिक ने एक डिजिटल रिक्वेस्ट फॉर इंस्पेक्शन (RFI) सिस्टम और प्रोजेक्ट डेटा प्रबंधन का डिजिटलीकरण किया, जिससे साइट पर पारदर्शिता, दक्षता और गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हुआ। नई उपलब्धि पर बोलते हुए रोडिक कंसल्टेंट्स के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर श्री राज कुमार ने कहा, “हमें बड़कोट -सिल्कयारा बेंड टनल परियोजना की सफलता में अपनी अहम भूमिका पर गर्व है। निर्माण पर्यवेक्षण सलाहकार के रूप में, रोडिक ने पूरे निर्माण कार्य में इंजीनियरिंग गुणवत्ता, सुरक्षा और उत्कृष्टता के सर्वोच्च मानकों को सुनिश्चित किया। हमारी टीम ने परियोजना डेटा के डिजिटलीकरण और डिजिटल आरएफआई सिस्टम जैसे नवाचारों के ज़रिए काम की पारदर्शिता और कार्यक्षमता को बेहतर बनाया। हम मानते हैं कि यह केवल एक निर्माण उपलब्धि नहीं, बल्कि हर मौसम में बेहतर कनेक्टिविटी, क्षेत्रीय विकास और स्थानीय समुदायों के लिए एक मजबूत भविष्य की दिशा में एक बड़ा कदम है। हम भारत सरकार, एनएचआईडीसीएल और अपने सभी प्रोजेक्ट सहयोगियों का उनके निरंतर सहयोग और विश्वास के लिए आभार व्यक्त करते हैं।” इस दिन नवनिर्मित बाबा बौखनाग मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा भी की गई। 4.531 किलोमीटर लंबी यह दो लेन की एकतरफा टनल एनएच-134 (पुराना एनएच-94) पर धरासू और यमुनोत्री के बीच हर मौसम में कनेक्टिविटी देने के लिए बनाई गई है। यह टनल यात्रा का समय एक घंटे से घटाकर सिर्फ़ पाँच मिनट कर देती है, जिससे इस क्षेत्र में व्यापार, पर्यटन और सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा और साथ ही पर्यावरण के लिहाज से संवेदनशील जंगलों की भी सुरक्षा होगी। इस अवसर पर बोलते हुए, श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि बड़कोट-सिल्कयारा बेंड टनल की सफलता उत्तराखंड के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। उन्होंने यह भी बताया कि पिछले दस वर्षों में पूरे देश में निरंतर विकास हुआ है और उत्तराखंड उस यात्रा में गर्व से योगदान दे रहा है। माननीय मुख्यमंत्री ने विकास और समृद्धि के नए आयाम स्थापित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व, मार्गदर्शन और सहयोग के लिए उनका आभार भी व्यक्त किया। सभा को संबोधित करते हुए, श्री अजय टम्टा ने टनल के निर्माण की सफलता के लिए सभी को बधाई दी। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि माननीय प्रधानमंत्री और माननीय मुख्यमंत्री के कुशल नेतृत्व में, इस परियोजना ने बहुत तेज़ी से प्रगति की है और उत्तराखंड के विकास की गति को पहले से कहीं ज़्यादा तेज़ कर दिया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड उल्लेखनीय प्रगति देख रहा है, और चार धाम मार्ग पर सिंगल-लेन सड़कों का दो-लेन राजमार्गों में रूपांतरण एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। टनल के निर्माण के बाद, परियोजना अब अंतिम चरण में प्रवेश कर रही है, जिसमें सड़क निर्माण और विद्युत तथा यांत्रिक प्रणालियों की स्थापना शामिल है। बड़कोट-सिल्कयारा बेंड टनल आधुनिक इंजीनियरिंग उत्कृष्टता और विभिन्न एजेंसियों के सहयोग का उदाहरण है।

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