April 18, 2025

सीएम धामी ने खटीमा गोलीकांड की 30वीं बरसी पर शहीदों को दी श्रद्धांजलि, आंदोलनकारी शहीदों के परिजनों को भी किया सम्मानित।

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सीएम धामी ने खटीमा गोलीकांड की 30वीं बरसी पर शहीदों को दी श्रद्धांजलि, आंदोलनकारी शहीदों के परिजनों को भी किया सम्मानित।

 

खटीमा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को खटीमा गोलीकांड की 30वीं बरसी पर शहीद स्थल, खटीमा में आयोजित कार्यक्रम में राज्य आंदोलनकारी शहीदों की मूर्तियों पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस दौरान उन्होंने राज्य आंदोलनकारी शहीदों के परिजनों को सम्मानित भी किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे बेहतर भविष्य के लिए इन महान आत्माओं ने अपना वर्तमान और भविष्य दोनों ही कुर्बान किया है, उत्तराखण्ड की जनता इन वीरों की सदैव ऋणी रहेगी। उन्होंने कहा कि इन महान लोगों ने स्वयं का बलिदान इसी लिए दिया था कि उत्तराखण्ड अलग राज्य बनकर ही सच्चे अर्थो में उनके सपनों को पूरा कर सकता है।

उन्होंने कहा कि वे स्वयं एक आंदोलनकारी होने के नाते आंदोलनकारियों के परिवार की पीड़ा समझ सकते है। खटीमा गोलीकांड को याद कर आज भी खटीमा वासियों सहित पूरे उत्तराखण्ड के लोगों का दिल सहम जाता है। पृथक राज्य निर्माण के लिए सबसे पहली शहादत खटीमा की धरती पर दी गई थी और इस शहादत के फलस्वरूप हम पृथक राज्य के रूप में अपनी अलग पहचान बना पाए हैं, जो खटीमावासियों के लिए गर्व की बात है।

मुख्यमंत्री ने खटीमा गोलीकांड की 30वीं बरसी पर अपना बलिदान देने वाले उत्तराखंड के महान सपूत स्व. भगवान सिंह सिरौला, स्व. प्रताप सिंह , स्व. रामपाल, स्व. सलीम अहमद, स्व. गोपीचंद, स्व. धर्मानन्द भट्ट तथा स्व. परमजीत सिंह को नमन करते हुए कहा कि 1 सितंबर, 1994 को हुए खटीमा गोली कांड का दर्द हम कभी नहीं भूल सकते हैं।

उन्होंने कहा कि हमारी सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ राज्य आंदोलनकारियों के आदर्शों और उनके सपनों को साकार करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। हमारा एक-एक पल राज्य आंदोलनकारियों के सपनों का उत्तराखण्ड बनाने के लिए समर्पित है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हम प्रदेश में कनेक्टिविटी, शिक्षा, स्वास्थ्य और पर्यटन की अवस्थापना सुविधाओं को मजबूत करने से लेकर विभिन्न योजनाओं के जरिए जन-जन का उत्थान सुनिश्चित करने के लिए हर क्षेत्र में काम कर रहे हैं। औद्योगिकीकरण, पर्यटन और कृषि के क्षेत्र में विकास कर रोजगार सृजन और आर्थिक विकास को गति प्रदान की जा रही है।

उन्होंने कहा कि शहीद आंदोलनकारियों के परिवारों को प्रतिमाह ₹3000 पेंशन दी जा रही है। जबकि जेल गए, घायल और सक्रिय आंदोलनकारियों को क्रमशः ₹6000 और ₹4500 प्रति माह पेंशन दी जा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य आंदोलनकारियों के अधिकतम दो बच्चों को स्कूलों और कॉलेजों में निःशुल्क शिक्षा, सरकारी बसों में निःशुल्क यात्रा और उनके आश्रितों को पेंशन की सुविधा भी प्रदान की गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने पिछले तीन वर्षों में 16 हजार से अधिक युवाओं को नौकरियां दी है। आपदा प्रबंधन के तहत ₹25 करोड़ की धनराशि आपदा प्रभावितों की सहायता हेतु जनपद को जारी की गई है, अब-तक 12 करोड़ 68 लाख रूपए की धनराशि आपदा प्रभावितों को वितरित की जा चुकी है।

कार्यक्रम में सांसद श्री अजय भट्ट ने सभी शहीदों एवं आन्दोलनकारियों को नमन करते हुए आंदोलनकारियों को 10 प्रतिशत के क्षैतिज आरक्षण के लिए मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी व उत्तराखण्ड सरकार का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि शहीद आंदोलनकारी किसी परिवार का नहीं बल्कि राज्य एवं देश की अनमोल धरोहर हैं।

बड़कोट-सिल्कयारा बेंड टनल परियोजना की सफलता: उत्तराखंड के लिए ऐतिहासिक क्षण देहरादून: एक ऐतिहासिक उपलब्धि के रूप में, एनएच-134 पर एक प्रमुख बुनियादी ढांचे की उपलब्धि, बड़कोट -सिलक्यारा बेंड टनल परियोजना की सफलता की आधिकारिक तौर पर घोषणा की गई। इस अवसर पर उत्तराखंड के माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के माननीय राज्य मंत्री श्री अजय टम्टा, टनल निर्माण कार्य के सफल समापन को देखने के लिए उपस्थित थे। प्रमुख इंजीनियरिंग और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर कंसल्टिंग कंपनी रोडिक कंसल्टेंट्स ने इस परियोजना में निर्माण पर्यवेक्षण सलाहकार (Construction Supervision Consultant) की भूमिका निभाई। कंपनी ने टनल निर्माण के सभी चरणों को समय पर और उच्च गुणवत्ता के साथ पूरा कराने में अहम योगदान दिया। अपनी जिम्मेदारियों के तहत, रोडिक ने निर्माण कार्यों की निगरानी की और डिजाइन फाइनल करने, सुरक्षा उपायों और इंजीनियरिंग मानकों जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर एनएचआईडीसीएल और ठेकेदार को सलाह दी। रोडिक कंसल्टेंट्स ने सीमेंट, कंक्रीट और एग्रीगेट्स के लिए ऑन-साइट परीक्षणों की देखरेख की और स्प्रेड कंक्रीट और रॉक बोल्ट्स के फील्ड टेस्ट किए, जिससे सख्त गुणवत्ता नियंत्रण सुनिश्चित किया गया। संगठन ने जनशक्ति और मशीनरी के उपयोग को बेहतर बनाने में भी अहम भूमिका निभाई, ताकि कार्यस्थल पर सुरक्षा और दक्षता बनी रहे। डिजिटल नवाचार को अपनाते हुए, रोडिक ने एक डिजिटल रिक्वेस्ट फॉर इंस्पेक्शन (RFI) सिस्टम और प्रोजेक्ट डेटा प्रबंधन का डिजिटलीकरण किया, जिससे साइट पर पारदर्शिता, दक्षता और गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हुआ। नई उपलब्धि पर बोलते हुए रोडिक कंसल्टेंट्स के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर श्री राज कुमार ने कहा, “हमें बड़कोट -सिल्कयारा बेंड टनल परियोजना की सफलता में अपनी अहम भूमिका पर गर्व है। निर्माण पर्यवेक्षण सलाहकार के रूप में, रोडिक ने पूरे निर्माण कार्य में इंजीनियरिंग गुणवत्ता, सुरक्षा और उत्कृष्टता के सर्वोच्च मानकों को सुनिश्चित किया। हमारी टीम ने परियोजना डेटा के डिजिटलीकरण और डिजिटल आरएफआई सिस्टम जैसे नवाचारों के ज़रिए काम की पारदर्शिता और कार्यक्षमता को बेहतर बनाया। हम मानते हैं कि यह केवल एक निर्माण उपलब्धि नहीं, बल्कि हर मौसम में बेहतर कनेक्टिविटी, क्षेत्रीय विकास और स्थानीय समुदायों के लिए एक मजबूत भविष्य की दिशा में एक बड़ा कदम है। हम भारत सरकार, एनएचआईडीसीएल और अपने सभी प्रोजेक्ट सहयोगियों का उनके निरंतर सहयोग और विश्वास के लिए आभार व्यक्त करते हैं।” इस दिन नवनिर्मित बाबा बौखनाग मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा भी की गई। 4.531 किलोमीटर लंबी यह दो लेन की एकतरफा टनल एनएच-134 (पुराना एनएच-94) पर धरासू और यमुनोत्री के बीच हर मौसम में कनेक्टिविटी देने के लिए बनाई गई है। यह टनल यात्रा का समय एक घंटे से घटाकर सिर्फ़ पाँच मिनट कर देती है, जिससे इस क्षेत्र में व्यापार, पर्यटन और सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा और साथ ही पर्यावरण के लिहाज से संवेदनशील जंगलों की भी सुरक्षा होगी। इस अवसर पर बोलते हुए, श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि बड़कोट-सिल्कयारा बेंड टनल की सफलता उत्तराखंड के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। उन्होंने यह भी बताया कि पिछले दस वर्षों में पूरे देश में निरंतर विकास हुआ है और उत्तराखंड उस यात्रा में गर्व से योगदान दे रहा है। माननीय मुख्यमंत्री ने विकास और समृद्धि के नए आयाम स्थापित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व, मार्गदर्शन और सहयोग के लिए उनका आभार भी व्यक्त किया। सभा को संबोधित करते हुए, श्री अजय टम्टा ने टनल के निर्माण की सफलता के लिए सभी को बधाई दी। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि माननीय प्रधानमंत्री और माननीय मुख्यमंत्री के कुशल नेतृत्व में, इस परियोजना ने बहुत तेज़ी से प्रगति की है और उत्तराखंड के विकास की गति को पहले से कहीं ज़्यादा तेज़ कर दिया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड उल्लेखनीय प्रगति देख रहा है, और चार धाम मार्ग पर सिंगल-लेन सड़कों का दो-लेन राजमार्गों में रूपांतरण एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। टनल के निर्माण के बाद, परियोजना अब अंतिम चरण में प्रवेश कर रही है, जिसमें सड़क निर्माण और विद्युत तथा यांत्रिक प्रणालियों की स्थापना शामिल है। बड़कोट-सिल्कयारा बेंड टनल आधुनिक इंजीनियरिंग उत्कृष्टता और विभिन्न एजेंसियों के सहयोग का उदाहरण है।

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