April 18, 2025

चारधाम यात्रा 2025 की तैयारियों का जायज़ा लेने चमोली पहुँचे स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार

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  • सड़कों, स्वास्थ्य केंद्रों, पार्किंग स्थलों और आपदा प्रबंधन व्यवस्था का किया निरीक्षण
  • श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोपरि : स्वास्थ्य सचिव ने एमआरपी और स्क्रीनिंग पॉइंट्स को लेकर दिए विशेष निर्देश
  • सीएम के निर्देश पर चारधाम की तैयारियों के स्थलीय निरीक्षण के लिए तैनात की गए हैं वरिष्ठ अधिकारी

देहरादून: चारधाम यात्रा 2025 को सुचारू, सुरक्षित और व्यवस्थित ढंग से संचालित करने के लिए राज्य सरकार ने युद्धस्तर पर तैयारियाँ शुरू कर दी हैं। मुख्यमन्त्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर उत्तराखंड शासन के सचिव, चिकित्सा स्वास्थ्य, सिंचाई एवं चारधाम यात्रा हेतु बद्रीनाथ के नोडल अधिकारी डॉ. आर. राजेश कुमार ने मंगलवार को चमोली जनपद का व्यापक निरीक्षण दौरा किया। उन्होंने कमेड़ा से लेकर बद्रीनाथ तक के यात्रा मार्ग में स्वास्थ्य सुविधाओं, सड़कों की स्थिति, पार्किंग स्थलों, भूस्खलन संभावित क्षेत्रों और रजिस्ट्रेशन व स्क्रीनिंग केंद्रों का स्थलीय निरीक्षण कर सम्बन्धित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान उनके साथ अपर जिलाधिकारी विवेक प्रकाश, एसडीएम चमोली राजकुमार पाण्डेय, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अभिषेक गुप्ता, एनएच, बीआरओ और अन्य विभागीय अधिकारी भी मौजूद रहे।

डॉ. आर राजेश कुमार ने सबसे पहले गौचर स्थित रजिस्ट्रेशन सेंटर, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC), मेला मैदान तथा कर्णप्रयाग स्थित ट्रॉमा सेंटर का गहन निरीक्षण किया। उन्होंने अस्पतालों में मरीजों के लिए पर्याप्त दवाओं का भंडारण, डॉक्टरों व पैरामेडिकल स्टाफ की उपलब्धता और साफ-सफाई की स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी स्वास्थ्य केंद्रों में आवश्यक जीवन रक्षक दवाइयाँ, उपकरण और मेडिकल स्टाफ हर समय तैनात रहें। उन्होंने जानकारी दी कि जल्द ही चमोली जनपद में डायलिसिस मशीनें उपलब्ध करा दी जाएंगी जिससे मरीजों को बेहतर सुविधा मिल सकेगी। इसके साथ ही उन्होंने सुझाव दिया कि यदि किसी उपकरण या सुविधा की आवश्यकता हो तो संबंधित विभाग शासन को समय पर प्रस्ताव भेजे, ताकि संसाधन समय रहते उपलब्ध कराए जा सकें।

यात्रा मार्ग पर बनेंगे 20 एमआरपी और 50 स्क्रीनिंग सेंटर, 13 भाषाओं में जारी होगी हेल्थ एडवाइजरी

स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने जानकारी दी कि आगामी यात्रा में श्रद्धालुओं की बेहतर स्क्रीनिंग और प्राथमिक उपचार के लिए कुल 20 मेडिकल रिलीफ पोस्ट (एमआरपी) और 50 स्क्रीनिंग पॉइंट्स स्थापित किए जाएंगे। वर्तमान में जनपद में 3 एमआरपी और 5 स्क्रीनिंग पॉइंट्स कार्यरत हैं। इस बार 5 नए एमआरपी और कई अतिरिक्त स्क्रीनिंग सेंटर स्थापित किए जाएंगे, जो विशेष रूप से यात्रियों के स्वास्थ्य परीक्षण एवं प्राथमिक उपचार के लिए होंगे।उन्होंने निर्देश दिए कि सभी एमआरपी एवं स्क्रीनिंग सेंटरों के माध्यम से 13 विभिन्न भाषाओं में तैयार की गई हेल्थ एडवाइजरी का वितरण अनिवार्य रूप से किया जाए। यह एडवाइजरी श्रद्धालुओं को ऊँचाई वाले क्षेत्रों में स्वास्थ्य जोखिम, कोविड-19 जैसी संभावित बीमारियों, खानपान और आवश्यक सावधानियों की जानकारी देगी। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक श्रद्धालुओं की स्क्रीनिंग सुनिश्चित करने हेतु प्रमुख बस स्टेशनों के पास ही स्क्रीनिंग सेंटर स्थापित किए जाएँ।

सिरोबगड़ व कमेड़ा भूस्खलन जोन का स्वास्थ्य सचिव ने किया निरीक्षण, दिए कड़े निर्देश

चारधाम यात्रा की तैयारी के मद्देनज़र स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने रुद्रप्रयाग जनपद स्थित सिरोबगड़ और चमोली जनपद स्थित कमेड़ा भूस्खलन क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने दोनों संवेदनशील क्षेत्रों में सड़क की जर्जर स्थिति और संभावित जोखिमों को देखते हुए कार्यदायी एजेंसियों को स्पष्ट शब्दों में निर्देश दिए कि लापरवाही बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कमेड़ा में 20 दिन के भीतर डामरीकरण कार्य पूर्ण करने और सिरोबगड़ में स्लाइडिंग जोन का स्थायी समाधान खोजने हेतु तत्काल प्रस्ताव शासन को भेजने के निर्देश दिए। सचिव ने कहा कि चारधाम यात्रा जैसे महत्वपूर्ण आयोजन में एक भी अवरोध शासन को अस्वीकार्य है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों से चेताया कि समयसीमा के भीतर सभी कार्य हर हाल में पूरे हों ताकि श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुगम यात्रा सुनिश्चित की जा सके।

सड़कों की मरम्मत और आपदा प्रबंधन पर विशेष ध्यान : भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में तेज़ी से चल रहा कार्य

निरीक्षण के दौरान सचिव ने राष्ट्रीय राजमार्ग अंतर्गत कमेड़ा भूस्खलन क्षेत्र में डामरीकरण कार्य का भी निरीक्षण किया और कार्यदायी संस्था को 20 दिनों के भीतर कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए। नंदप्रयाग के पार्थाडीप क्षेत्र में चारधाम यात्रा से पहले अस्थायी ट्रीटमेंट कार्य और मलबा निस्तारण का कार्य युद्धस्तर पर चलाया जा रहा है, जिसे 15 दिन के भीतर पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं।एनएच-07 के पागल नाला क्षेत्र में उन्होंने भूस्खलन जोन की विस्तृत जानकारी लेते हुए कार्यदायी संस्था को स्थायी समाधान हेतु रणनीति तैयार कर प्रस्ताव शासन को भेजने के निर्देश दिए। वहीं जोगीधारा में बीआरओ को सड़क के बेस को मजबूती प्रदान करने एवं सुधार कार्य शीघ्र पूर्ण करने के आदेश दिए गए।

सरकार की प्राथमिकता है सुरक्षित, स्वच्छ और व्यवस्थित चारधाम यात्रा

डॉ. आर राजेश कुमार ने स्पष्ट रूप से कहा कि चारधाम यात्रा उत्तराखंड के लिए आस्था, पर्यटन और आर्थिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है, और सरकार इसे पूरी गंभीरता से ले रही है। इसीलिए स्वास्थ्य सेवाओं के साथ-साथ सड़क, आपदा प्रबंधन, रजिस्ट्रेशन व्यवस्था और पर्यावरण संतुलन पर भी बराबर ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने सभी विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि किसी भी प्रकार की लापरवाही या ढिलाई यात्रा संचालन में बाधा उत्पन्न कर सकती है, इसलिए सभी कार्य निर्धारित समयसीमा में पूर्ण कराए जाएँ।

बड़कोट-सिल्कयारा बेंड टनल परियोजना की सफलता: उत्तराखंड के लिए ऐतिहासिक क्षण देहरादून: एक ऐतिहासिक उपलब्धि के रूप में, एनएच-134 पर एक प्रमुख बुनियादी ढांचे की उपलब्धि, बड़कोट -सिलक्यारा बेंड टनल परियोजना की सफलता की आधिकारिक तौर पर घोषणा की गई। इस अवसर पर उत्तराखंड के माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के माननीय राज्य मंत्री श्री अजय टम्टा, टनल निर्माण कार्य के सफल समापन को देखने के लिए उपस्थित थे। प्रमुख इंजीनियरिंग और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर कंसल्टिंग कंपनी रोडिक कंसल्टेंट्स ने इस परियोजना में निर्माण पर्यवेक्षण सलाहकार (Construction Supervision Consultant) की भूमिका निभाई। कंपनी ने टनल निर्माण के सभी चरणों को समय पर और उच्च गुणवत्ता के साथ पूरा कराने में अहम योगदान दिया। अपनी जिम्मेदारियों के तहत, रोडिक ने निर्माण कार्यों की निगरानी की और डिजाइन फाइनल करने, सुरक्षा उपायों और इंजीनियरिंग मानकों जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर एनएचआईडीसीएल और ठेकेदार को सलाह दी। रोडिक कंसल्टेंट्स ने सीमेंट, कंक्रीट और एग्रीगेट्स के लिए ऑन-साइट परीक्षणों की देखरेख की और स्प्रेड कंक्रीट और रॉक बोल्ट्स के फील्ड टेस्ट किए, जिससे सख्त गुणवत्ता नियंत्रण सुनिश्चित किया गया। संगठन ने जनशक्ति और मशीनरी के उपयोग को बेहतर बनाने में भी अहम भूमिका निभाई, ताकि कार्यस्थल पर सुरक्षा और दक्षता बनी रहे। डिजिटल नवाचार को अपनाते हुए, रोडिक ने एक डिजिटल रिक्वेस्ट फॉर इंस्पेक्शन (RFI) सिस्टम और प्रोजेक्ट डेटा प्रबंधन का डिजिटलीकरण किया, जिससे साइट पर पारदर्शिता, दक्षता और गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हुआ। नई उपलब्धि पर बोलते हुए रोडिक कंसल्टेंट्स के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर श्री राज कुमार ने कहा, “हमें बड़कोट -सिल्कयारा बेंड टनल परियोजना की सफलता में अपनी अहम भूमिका पर गर्व है। निर्माण पर्यवेक्षण सलाहकार के रूप में, रोडिक ने पूरे निर्माण कार्य में इंजीनियरिंग गुणवत्ता, सुरक्षा और उत्कृष्टता के सर्वोच्च मानकों को सुनिश्चित किया। हमारी टीम ने परियोजना डेटा के डिजिटलीकरण और डिजिटल आरएफआई सिस्टम जैसे नवाचारों के ज़रिए काम की पारदर्शिता और कार्यक्षमता को बेहतर बनाया। हम मानते हैं कि यह केवल एक निर्माण उपलब्धि नहीं, बल्कि हर मौसम में बेहतर कनेक्टिविटी, क्षेत्रीय विकास और स्थानीय समुदायों के लिए एक मजबूत भविष्य की दिशा में एक बड़ा कदम है। हम भारत सरकार, एनएचआईडीसीएल और अपने सभी प्रोजेक्ट सहयोगियों का उनके निरंतर सहयोग और विश्वास के लिए आभार व्यक्त करते हैं।” इस दिन नवनिर्मित बाबा बौखनाग मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा भी की गई। 4.531 किलोमीटर लंबी यह दो लेन की एकतरफा टनल एनएच-134 (पुराना एनएच-94) पर धरासू और यमुनोत्री के बीच हर मौसम में कनेक्टिविटी देने के लिए बनाई गई है। यह टनल यात्रा का समय एक घंटे से घटाकर सिर्फ़ पाँच मिनट कर देती है, जिससे इस क्षेत्र में व्यापार, पर्यटन और सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा और साथ ही पर्यावरण के लिहाज से संवेदनशील जंगलों की भी सुरक्षा होगी। इस अवसर पर बोलते हुए, श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि बड़कोट-सिल्कयारा बेंड टनल की सफलता उत्तराखंड के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। उन्होंने यह भी बताया कि पिछले दस वर्षों में पूरे देश में निरंतर विकास हुआ है और उत्तराखंड उस यात्रा में गर्व से योगदान दे रहा है। माननीय मुख्यमंत्री ने विकास और समृद्धि के नए आयाम स्थापित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व, मार्गदर्शन और सहयोग के लिए उनका आभार भी व्यक्त किया। सभा को संबोधित करते हुए, श्री अजय टम्टा ने टनल के निर्माण की सफलता के लिए सभी को बधाई दी। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि माननीय प्रधानमंत्री और माननीय मुख्यमंत्री के कुशल नेतृत्व में, इस परियोजना ने बहुत तेज़ी से प्रगति की है और उत्तराखंड के विकास की गति को पहले से कहीं ज़्यादा तेज़ कर दिया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड उल्लेखनीय प्रगति देख रहा है, और चार धाम मार्ग पर सिंगल-लेन सड़कों का दो-लेन राजमार्गों में रूपांतरण एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। टनल के निर्माण के बाद, परियोजना अब अंतिम चरण में प्रवेश कर रही है, जिसमें सड़क निर्माण और विद्युत तथा यांत्रिक प्रणालियों की स्थापना शामिल है। बड़कोट-सिल्कयारा बेंड टनल आधुनिक इंजीनियरिंग उत्कृष्टता और विभिन्न एजेंसियों के सहयोग का उदाहरण है।

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