April 18, 2025

श्री अन्न महोत्सव में पहुंचे केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर ने महोत्सव आयोजन के लिए मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री जोशी को दी बधाई।

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उत्तराखण्ड श्री अन्न (मिलेट) महोत्सव के समापन कार्यक्रम में पहुंचे केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर।

उत्तराखंड सरकार कृषि विभाग द्वारा आयोजित श्री अन्न महोत्सव के आयोजन के लिए मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री को दी बधाई।

श्री अन्न महोत्सव 2023 के समापन कार्यक्रम में आचार्य बाल कृष्ण और कैबिनेट मंत्री प्रेम चंद्र अग्रवाल भी रहे मौजूद।

 

देहरादून, 16 मई। अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष के उपलक्ष में कृषि विभाग उत्तराखण्ड द्वारा देहरादून में आयोजित उत्तराखण्ड श्री अन्न महोत्सव 2023 के समापन समारोह में मुख्य अथिति के तोर पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम में पतंजलि के एमडी आचार्य बाल कृष्ण और कैबिनेट मंत्री प्रेम चंद्र अग्रवाल भी उपस्थित रहे। इस अवसर पर महोत्सव में उपस्थित सभी अतिथियों ने मिलेट्स पर आधारित विभिन्न स्टालों का निरीक्षण किया। कृषि मंत्री गणेश जोशी ने सभी अतिथियों का पहाड़ी टोपी, शाल और पुष्पगुच्छ देकर स्वागत एवं अभिनंदन किया।

कार्यक्रम के केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने उत्तराखण्ड सरकार द्वारा आयोजित श्री अन्न महोत्सव की भूरी भूरी प्रशंसा करते हुए कहा मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के नेतृत्व में और कृषि मंत्री जोशी की सूझबूझ के परिणामस्वरूप ये विशाल श्री अन्न महोत्सव का आयोजन किया गया है। इस अच्छे आयोजन के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और मंत्री गणेश जोशी को और राज्य के कृषि मंत्रालय को अपनी ओर से बधाई दी।केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा मिलेट्स को भोजन की थाली में सम्मान जनक स्थान मिले और दुनिया के भोजन की थाली में भी सम्मान जनक स्थान मिले, इसलिए मिलेट्स पर काम करना जरूरी था। इसी दृष्टिकोण के आधार पर भारत सरकार ने इस मिलेट्स को पोषक अनाज के रूप में अधिसूचित किया। साल भर अभियान चलाया, पोषकता के लिए और बाद में संयुक्त राष्ट्र संघ में भी नरेंद्र मोदी जी ने ज्वार-बाजरा, कोदो, कुटकी, रागी, मंडुआ इसकी जो वैज्ञानिक प्रमाण हैं, जो इसमें पोषक तत्वों की भरमार है, उसको तथ्यात्मिक रूप से वैश्विक मंच के ऊपर रखा। उन्होंने 72 देशों ने जो वहां उपस्थिति थे, प्रधानमंत्री के इस प्रस्ताव का समर्थन किया और संयुक्त राष्ट्र संघ ने तय किया, 2023 सारी दुनिया में मिलेट ईयर के रूप में मनाया जाएगा।

केंद्रीय मंत्री ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा उत्तराखंड सरकार ने ये आयोजन किया। इस आयोजन से मिलेट्स की महत्ता का भी ज्ञान बढ़ेगा। मिलेट्स के जो उत्पाद है, लोग उनसे भी परिचित होंगे। इसकी मांग बढ़ेगी। उन्होंने कहा श्री अन्न की मांग बढ़ेगी तो किसानों को उत्पादन करना पड़ेगा, किसान उत्पादन करेंगे, तो किसान को फायदा होगा अच्छा मुनाफा मिलेगा। केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा जब भारत श्री अन्न (मिलेट) की अगुवाई कर रहा है, तो सबसे पहले उत्पादन भी हमारे यहां बढ़ेगा। उत्पादकता भी हमारे यहां बढ़ेगी और प्रोसेसिंग भी हमारे यहां बढ़ेगी। और जब प्रोसेसिंग हमारे यहां होगी, तो हमारे ही उत्पाद का सारी दुनिया में निर्यात भी बढ़ेगा और हमारी अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा।

पंतजली के एमडी आचार्य बाल कृष्ण ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड में प्राचीन काल से ही श्री अन्न की खेती होती थी। देवभूमि उत्तराखण्ड मोटे अनाजों की राजधानी रही है। आज दुनिया श्री अन्न के महत्व को समझ रही है। हमें पूर्ण विश्वास है यह आयोजन ‘श्री अन्न’ को बढ़ावा देने में मील का पत्थर साबित होगा। इस तरह के आयोजनों से न केवल मोटे अनाज की खेती को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि इससे किसानों को भी मोटे अनाजों से संबंधित आवश्यक जानकारियां भीं प्राप्त होंगी तथा किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी।

कृषि मंत्री गणेश जोशी ने अपने संबोधन में कहा श्री अन्न उत्तराखंड की परंपरागत खेती में है। श्री अन्न स्वास्थ्य की दृष्टि से इतना लाभदायक है कि जो कभी गरीबों का खाद्यान्न हुआ करता था, आज अमीरों की थाली में शामिल हो गया है। जोशी ने कहा श्री अन्न के प्रोत्साहन और उसके प्रचार-प्रसार के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में लगातार विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य में स्टेट मिलेट मिशन के अंतर्गत 73 करोड़ रूपए की बजट में प्रावधान किया गया है। कृषि मंत्री ने मडुंवा, झिंगौरा जैसी फसलों को पर्वतीय क्षेत्रों में बढ़ावा देकर कृषकों की आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए भी विभाग के संकल्प को दोहराया।उन्होंने नया नारा देते हुए कहा कि कौंदा-झिंगौरा खाऐंगे, आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड बनाऐंगे।

इस अवसर पर वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल , सचिव कृषि बी.वी.आर.सी पुरूषोत्तम, निदेशक कृषि शगौरी शंकर, अपर निदेशक केसी पाठक, संयुक्त निदेशक दिनेश कुमार, जैविक उत्पाद परिषद के एमडी विनय कुमार सहित कई अन्य अधिकारी एवं प्रदेश के सभी जनपदों से आये हुए कृषक भाई-बहन उपस्थित रहे।

बड़कोट-सिल्कयारा बेंड टनल परियोजना की सफलता: उत्तराखंड के लिए ऐतिहासिक क्षण देहरादून: एक ऐतिहासिक उपलब्धि के रूप में, एनएच-134 पर एक प्रमुख बुनियादी ढांचे की उपलब्धि, बड़कोट -सिलक्यारा बेंड टनल परियोजना की सफलता की आधिकारिक तौर पर घोषणा की गई। इस अवसर पर उत्तराखंड के माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के माननीय राज्य मंत्री श्री अजय टम्टा, टनल निर्माण कार्य के सफल समापन को देखने के लिए उपस्थित थे। प्रमुख इंजीनियरिंग और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर कंसल्टिंग कंपनी रोडिक कंसल्टेंट्स ने इस परियोजना में निर्माण पर्यवेक्षण सलाहकार (Construction Supervision Consultant) की भूमिका निभाई। कंपनी ने टनल निर्माण के सभी चरणों को समय पर और उच्च गुणवत्ता के साथ पूरा कराने में अहम योगदान दिया। अपनी जिम्मेदारियों के तहत, रोडिक ने निर्माण कार्यों की निगरानी की और डिजाइन फाइनल करने, सुरक्षा उपायों और इंजीनियरिंग मानकों जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर एनएचआईडीसीएल और ठेकेदार को सलाह दी। रोडिक कंसल्टेंट्स ने सीमेंट, कंक्रीट और एग्रीगेट्स के लिए ऑन-साइट परीक्षणों की देखरेख की और स्प्रेड कंक्रीट और रॉक बोल्ट्स के फील्ड टेस्ट किए, जिससे सख्त गुणवत्ता नियंत्रण सुनिश्चित किया गया। संगठन ने जनशक्ति और मशीनरी के उपयोग को बेहतर बनाने में भी अहम भूमिका निभाई, ताकि कार्यस्थल पर सुरक्षा और दक्षता बनी रहे। डिजिटल नवाचार को अपनाते हुए, रोडिक ने एक डिजिटल रिक्वेस्ट फॉर इंस्पेक्शन (RFI) सिस्टम और प्रोजेक्ट डेटा प्रबंधन का डिजिटलीकरण किया, जिससे साइट पर पारदर्शिता, दक्षता और गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हुआ। नई उपलब्धि पर बोलते हुए रोडिक कंसल्टेंट्स के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर श्री राज कुमार ने कहा, “हमें बड़कोट -सिल्कयारा बेंड टनल परियोजना की सफलता में अपनी अहम भूमिका पर गर्व है। निर्माण पर्यवेक्षण सलाहकार के रूप में, रोडिक ने पूरे निर्माण कार्य में इंजीनियरिंग गुणवत्ता, सुरक्षा और उत्कृष्टता के सर्वोच्च मानकों को सुनिश्चित किया। हमारी टीम ने परियोजना डेटा के डिजिटलीकरण और डिजिटल आरएफआई सिस्टम जैसे नवाचारों के ज़रिए काम की पारदर्शिता और कार्यक्षमता को बेहतर बनाया। हम मानते हैं कि यह केवल एक निर्माण उपलब्धि नहीं, बल्कि हर मौसम में बेहतर कनेक्टिविटी, क्षेत्रीय विकास और स्थानीय समुदायों के लिए एक मजबूत भविष्य की दिशा में एक बड़ा कदम है। हम भारत सरकार, एनएचआईडीसीएल और अपने सभी प्रोजेक्ट सहयोगियों का उनके निरंतर सहयोग और विश्वास के लिए आभार व्यक्त करते हैं।” इस दिन नवनिर्मित बाबा बौखनाग मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा भी की गई। 4.531 किलोमीटर लंबी यह दो लेन की एकतरफा टनल एनएच-134 (पुराना एनएच-94) पर धरासू और यमुनोत्री के बीच हर मौसम में कनेक्टिविटी देने के लिए बनाई गई है। यह टनल यात्रा का समय एक घंटे से घटाकर सिर्फ़ पाँच मिनट कर देती है, जिससे इस क्षेत्र में व्यापार, पर्यटन और सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा और साथ ही पर्यावरण के लिहाज से संवेदनशील जंगलों की भी सुरक्षा होगी। इस अवसर पर बोलते हुए, श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि बड़कोट-सिल्कयारा बेंड टनल की सफलता उत्तराखंड के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। उन्होंने यह भी बताया कि पिछले दस वर्षों में पूरे देश में निरंतर विकास हुआ है और उत्तराखंड उस यात्रा में गर्व से योगदान दे रहा है। माननीय मुख्यमंत्री ने विकास और समृद्धि के नए आयाम स्थापित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व, मार्गदर्शन और सहयोग के लिए उनका आभार भी व्यक्त किया। सभा को संबोधित करते हुए, श्री अजय टम्टा ने टनल के निर्माण की सफलता के लिए सभी को बधाई दी। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि माननीय प्रधानमंत्री और माननीय मुख्यमंत्री के कुशल नेतृत्व में, इस परियोजना ने बहुत तेज़ी से प्रगति की है और उत्तराखंड के विकास की गति को पहले से कहीं ज़्यादा तेज़ कर दिया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड उल्लेखनीय प्रगति देख रहा है, और चार धाम मार्ग पर सिंगल-लेन सड़कों का दो-लेन राजमार्गों में रूपांतरण एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। टनल के निर्माण के बाद, परियोजना अब अंतिम चरण में प्रवेश कर रही है, जिसमें सड़क निर्माण और विद्युत तथा यांत्रिक प्रणालियों की स्थापना शामिल है। बड़कोट-सिल्कयारा बेंड टनल आधुनिक इंजीनियरिंग उत्कृष्टता और विभिन्न एजेंसियों के सहयोग का उदाहरण है।

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