April 19, 2025

उत्तराखण्ड पुलिस की चारधाम यात्रा-2025 के लिए व्यापक तैयारियाँ शुरू, सुरक्षा और सुगमता के लिए IG गढ़वाल रेंज राजीव स्वरूप को बनाया गया नोडल अधिकारी

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  • रेंज कार्यालय में ‘चारधाम यात्रा कन्ट्रोल रूम’ की स्थापना – यातायात, सुरक्षा और डेटा मॉनिटरिंग सहित सभी व्यवस्थाओं की निगरानी एक ही मंच से
  • पहली बार यात्रा मार्गों का 15 सुपर जोन, 41 जोन तथा 137 सेक्टरों विभाजन, प्रत्येक सेक्टर में पुलिस बल की तैनाती और 24×7 निगरानी

देहरादून : आगामी चारधाम यात्रा-2025 के दौरान श्रद्धालुओं के सुगम एवं सुरक्षित आवागमन तथा यातायात को सुव्यवस्थित रुप से संचालित कराये जाने दृष्टिगत उत्तराखण्ड पुलिस द्वारा व्यापक स्तर पर तैयारियों प्रारंभ कर दी गई हैं। इसी क्रम में आज दिनांक 04 अप्रैल, 2025 को पुलिस महानिरीक्षक, गढ़वाल परिक्षेत्र राजीव स्वरूप एवं पुलिस महानिरीक्षक / निदेशक यातायात नारायण सिंह नपलच्याल द्वारा सरदार पटेल भवन में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में उत्तराखण्ड पुलिस की तैयारियों व व्यवस्थाओं की विस्तृत जानकारी साझा की गयी है।

नोडल अधिकारी एवं चारधाम यात्रा सेल की स्थापना

  • आईजी गढ़वाल रेंज राजीव स्वरूप को चारधाम यात्रा-2025 का नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। वे यात्रा मार्गों और प्रमुख ठहराव स्थलों पर सुरक्षा व्यवस्था, यातायात प्रबन्धन, भीड़ प्रबन्धन और आपदा से निपटने की तैयारियों की सीधी निगरानी एवं समन्वय करेंगे।
  • गढ़वाल रेंज कार्यालय में “चारधाम यात्रा कन्ट्रोल रूम” स्थापित किया जा रहा है, जिसके प्रभारी एसपी ट्रैफिक देहरादून लोकजीत सिंह होंगे। कन्ट्रोल रूम में 01 पुलिस उपाधीक्षक, 02 निरीक्षक, 04 उपनिरीक्षक, व हेड कान्स०/कान्स० की नियुक्ति की जायेगी। यह सेल 24 घण्टे कार्यरत रहेगा। इस कन्ट्रोल रूम में रजिस्ट्रेशन, ट्रैफिक प्रवाह, पार्किंग व्यवस्था, ड्यूटी का व्यवस्थापन, सुरक्षा व्यवस्था, यात्री आवाजाही, डेटा प्रबंधन, फर्जी रजिस्ट्रेशन पर कार्यवाही, आपदा प्रबंधन सहित अन्य सम्बन्धित विभागों के साथ समन्वय जैसे कार्यों हेतु विशेष डेस्क स्थापित की जाएंगी। यह कन्ट्रोल रूम अगले 5 दिनों में पूर्णतः सक्रिय हो जाएगा और वरिष्ठ अधिकारियों को यात्रा की स्थिति की दैनिक अपडेट प्रदान करेगा।

मुख्यालय स्तर पर चारधाम सेल

  • पुलिस मुख्यालय स्तर पर डीआईजी अपराध एवं कानून व्यवस्था धीरेन्द्र गुंज्याल के नेतृत्व में एक “चारधाम सेल” गठित किया जाएगा, जो यात्रा से संबंधित सूचनाओं का संकलन एवं समन्वय करेगा।

यात्रा मार्गों का सेक्टरवार विभाजन व पुलिस बल की तैनाती

  • चारधाम यात्रा को निर्वाध एवं सुरक्षित संचालित किये जाने हेतु इस वर्ष सम्पूर्ण चारधाम यात्रा मार्ग को 15 सुपर जोन, 41 जोन तथा 137 सेक्टरों में विभाजित किया गया है, प्रत्येक सेक्टर का क्षेत्र 10 किमी रहेगा तथा इन सेक्टरों में 02-02 कान्स राउण्ड द क्लॉक ड्यूटी पर नियुक्त रहेंगे।
  • समस्त यात्रा मार्गों पर 09 अपर पुलिस अधीक्षकों को रूट प्रभारी के रूप में अलग से नियुक्त किया गया है, जिनके द्वारा अपने ड्यूटी क्षेत्र में यात्रा व्यवस्थायें की जायेंगी, साथ ही प्रत्येक धाम में 01-01 पुलिस उपाधीक्षक को धाम का प्रभारी बनाया गया है, जिनके द्वारा धामों की सम्पूर्ण व्यवस्थायें सुनिश्चित की जायेंगी।
  • सम्पूर्ण यात्रा के सकुशल संचालन हेतु 24 पुलिस उपाधीक्षक, 66 निरीक्षक, 366 उपनिरीक्षक, 615 हेड कान्सटेबल, 1222 कान्सटेबल, 208 महिला कान्सटेबल, 926 होमगार्ड, 1049 पी०आर०डी० के जवान, 09 कम्पनी पी०ए०सी० 26 सब टीम एसडीआरएफ की नियुक्ति की जानी प्रस्तावित है।

यातायात एवं पार्किंग प्रबंधन

  • यातायात प्रबंधन हेतु व्यापक रणनीति तैयार की गई है। जिसके तहत पुलिस महानिरीक्षक / निदेशक यातायात ने स्वयं एवं अपनी टीम के साथ यात्रा मार्गों को स्थलीय निरीक्षण प्रारंभ कर दिया है, तथा यात्रा मार्गों पर यातायात व्यवस्था को सुव्यवस्थित करने के लिए ब्लूप्रिंट तैयार कर लिया गया है।
  • नए एक्सप्रेसवे के शुभारंभ को देखते हुए यमुनोत्री मार्ग पर अतिरिक्त हॉल्टिंग क्षेत्रों और पार्किंग की व्यवस्था प्रशासन के साथ समन्वय से की जा रही है।
  • ऋषिकेश ट्रांजिट कैंप की तर्ज पर यमुनोत्री-गंगोत्री धामों के लिए विकासनगर क्षेत्र में एसपी विकासनगर के पर्यवेक्षण में यात्रियों एवं वाहनों का प्रबंधन किया जाएगा।
  • समस्त जनपद प्रभारियों से फीडबैक लिया जा रहा है और यात्रा मार्गों पर यातायात एवं सुरक्षा व्यवस्था के लिए आवश्यक पुलिस बल का आकलन किया जा रहा है।

कैंप व्यवस्था

  • एसपी विकासनगर और एसपी ऋषिकेश को क्रमशः विकासनगर और ऋषिकेश में यात्रा कैंप स्थापित करने के निर्देश दिए गए हैं।

बल तैनाती एवं प्रशिक्षण

  • पूर्व वर्षों की तुलना में इस वर्ष अधिक संख्या में पुलिस बल, एसडीआरएफ, होमगार्ड्स, पीआरडी, और पीएसी को तैनात किया जा रहा है। कुमाऊँ रेंज से अतिरिक्त बल उपलब्ध कराया जाएगा।
  • नियुक्त किए जा रहे बलों को यात्रा से जुड़ी समस्त प्रकिया की जानकारी हेतु यात्रा प्रबंधन संबंधी प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाएगा।
  • चारधाम कंट्रोल रूम में एक “वेलफेयर ऑफिसर” नियुक्त किया जाएगा, जो पुलिस बल एवं अन्य सहायक टीमों के रहने, खाने और अन्य सुविधाओं की व्यवस्था सुनिश्चित करेगा।
  • विगत वर्षों में यात्रा प्रबंधन में आयी समस्याओं/चुनौतियाँ को संकलित कर शासन के माध्यम से संबंधित जिलाधिकारियों और विभागों को यथासमय अवगत कराया गया है।

बड़कोट-सिल्कयारा बेंड टनल परियोजना की सफलता: उत्तराखंड के लिए ऐतिहासिक क्षण देहरादून: एक ऐतिहासिक उपलब्धि के रूप में, एनएच-134 पर एक प्रमुख बुनियादी ढांचे की उपलब्धि, बड़कोट -सिलक्यारा बेंड टनल परियोजना की सफलता की आधिकारिक तौर पर घोषणा की गई। इस अवसर पर उत्तराखंड के माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के माननीय राज्य मंत्री श्री अजय टम्टा, टनल निर्माण कार्य के सफल समापन को देखने के लिए उपस्थित थे। प्रमुख इंजीनियरिंग और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर कंसल्टिंग कंपनी रोडिक कंसल्टेंट्स ने इस परियोजना में निर्माण पर्यवेक्षण सलाहकार (Construction Supervision Consultant) की भूमिका निभाई। कंपनी ने टनल निर्माण के सभी चरणों को समय पर और उच्च गुणवत्ता के साथ पूरा कराने में अहम योगदान दिया। अपनी जिम्मेदारियों के तहत, रोडिक ने निर्माण कार्यों की निगरानी की और डिजाइन फाइनल करने, सुरक्षा उपायों और इंजीनियरिंग मानकों जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर एनएचआईडीसीएल और ठेकेदार को सलाह दी। रोडिक कंसल्टेंट्स ने सीमेंट, कंक्रीट और एग्रीगेट्स के लिए ऑन-साइट परीक्षणों की देखरेख की और स्प्रेड कंक्रीट और रॉक बोल्ट्स के फील्ड टेस्ट किए, जिससे सख्त गुणवत्ता नियंत्रण सुनिश्चित किया गया। संगठन ने जनशक्ति और मशीनरी के उपयोग को बेहतर बनाने में भी अहम भूमिका निभाई, ताकि कार्यस्थल पर सुरक्षा और दक्षता बनी रहे। डिजिटल नवाचार को अपनाते हुए, रोडिक ने एक डिजिटल रिक्वेस्ट फॉर इंस्पेक्शन (RFI) सिस्टम और प्रोजेक्ट डेटा प्रबंधन का डिजिटलीकरण किया, जिससे साइट पर पारदर्शिता, दक्षता और गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हुआ। नई उपलब्धि पर बोलते हुए रोडिक कंसल्टेंट्स के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर श्री राज कुमार ने कहा, “हमें बड़कोट -सिल्कयारा बेंड टनल परियोजना की सफलता में अपनी अहम भूमिका पर गर्व है। निर्माण पर्यवेक्षण सलाहकार के रूप में, रोडिक ने पूरे निर्माण कार्य में इंजीनियरिंग गुणवत्ता, सुरक्षा और उत्कृष्टता के सर्वोच्च मानकों को सुनिश्चित किया। हमारी टीम ने परियोजना डेटा के डिजिटलीकरण और डिजिटल आरएफआई सिस्टम जैसे नवाचारों के ज़रिए काम की पारदर्शिता और कार्यक्षमता को बेहतर बनाया। हम मानते हैं कि यह केवल एक निर्माण उपलब्धि नहीं, बल्कि हर मौसम में बेहतर कनेक्टिविटी, क्षेत्रीय विकास और स्थानीय समुदायों के लिए एक मजबूत भविष्य की दिशा में एक बड़ा कदम है। हम भारत सरकार, एनएचआईडीसीएल और अपने सभी प्रोजेक्ट सहयोगियों का उनके निरंतर सहयोग और विश्वास के लिए आभार व्यक्त करते हैं।” इस दिन नवनिर्मित बाबा बौखनाग मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा भी की गई। 4.531 किलोमीटर लंबी यह दो लेन की एकतरफा टनल एनएच-134 (पुराना एनएच-94) पर धरासू और यमुनोत्री के बीच हर मौसम में कनेक्टिविटी देने के लिए बनाई गई है। यह टनल यात्रा का समय एक घंटे से घटाकर सिर्फ़ पाँच मिनट कर देती है, जिससे इस क्षेत्र में व्यापार, पर्यटन और सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा और साथ ही पर्यावरण के लिहाज से संवेदनशील जंगलों की भी सुरक्षा होगी। इस अवसर पर बोलते हुए, श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि बड़कोट-सिल्कयारा बेंड टनल की सफलता उत्तराखंड के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। उन्होंने यह भी बताया कि पिछले दस वर्षों में पूरे देश में निरंतर विकास हुआ है और उत्तराखंड उस यात्रा में गर्व से योगदान दे रहा है। माननीय मुख्यमंत्री ने विकास और समृद्धि के नए आयाम स्थापित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व, मार्गदर्शन और सहयोग के लिए उनका आभार भी व्यक्त किया। सभा को संबोधित करते हुए, श्री अजय टम्टा ने टनल के निर्माण की सफलता के लिए सभी को बधाई दी। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि माननीय प्रधानमंत्री और माननीय मुख्यमंत्री के कुशल नेतृत्व में, इस परियोजना ने बहुत तेज़ी से प्रगति की है और उत्तराखंड के विकास की गति को पहले से कहीं ज़्यादा तेज़ कर दिया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड उल्लेखनीय प्रगति देख रहा है, और चार धाम मार्ग पर सिंगल-लेन सड़कों का दो-लेन राजमार्गों में रूपांतरण एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। टनल के निर्माण के बाद, परियोजना अब अंतिम चरण में प्रवेश कर रही है, जिसमें सड़क निर्माण और विद्युत तथा यांत्रिक प्रणालियों की स्थापना शामिल है। बड़कोट-सिल्कयारा बेंड टनल आधुनिक इंजीनियरिंग उत्कृष्टता और विभिन्न एजेंसियों के सहयोग का उदाहरण है।

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